भजन || कितना प्यारा है श्रृंगार





कितना प्यारा है श्रृंगार की तेरी लेउ नज़र उतार कितना प्यारा है

ओ हो
कितना प्यारा है श्रृंगार की तेरी लेउ नज़र उतार कितना प्यारा है
लेउ नज़र उतार तेरी लेउ नजर उतार, कितना प्यारा है

सांवरिया तुमको किसने सजाया है,
तुझे सुन्दर से सुन्दर गजरा पहनाया है,
कितना प्यारा है श्रृंगार की तेरी...........



केसर चन्दन तिलक लगा कर सज धज के बेठो है,
लग गये तेरे चार चाँद जो पहने तूने हार,
कितना प्यारा है श्रृंगार की तेरी....



सांवरिया तेरा चेहरा चमकता है,
तेरा कीर्तन बहुत बड़ा दरबार महकता है,
कितना प्यारा है श्रृंगार की तेरी.......



किसी भगत से कह कर कान्हा काली टिकी लगवा ले,
याद फिर तू बोले तो लेउ नून राइ वार,
कितना प्यारा है श्रृंगार की तेरी.......



सांवरिया तेरे भगतो को तेरी  फ़िक्र,
कभी लगना जाये तुझे दुनिया की बुरी नज़र,
कितना प्यारा है श्रृंगार की तेरी.......



पता नही तू किस रंग का है, आज तलक न जान सकी,
बनवारी हम ने देखे है तेरे रंग हज़ार,
कितना प्यारा है श्रृंगार की तेरी.......



सांवरिया थोड़ा बच बच के रहना जी,
कभी मान भी लो कन्हा भक्तो का कहना जी,
कितना प्यारा है श्रृंगार की तेरी.......

कितना प्यारा है श्रृंगार की तेरी लेउ नज़र उतार कितना प्यारा है
ओ हो
कितना प्यारा है श्रृंगार की तेरी लेउ नज़र उतार कितना प्यारा है
लेउ नज़र उतार तेरी लेउ नजर उतार, कितना प्यारा है

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