भजन || जायेगा जब यहां से

गायक - मृदुल कृष्ण शास्त्री जी


जायेगा जब यहां से कुछ भी न पास होगा
दो गज़ कफ़न का टुकड़ा तेरा लिबास होगा - २

काँधे पे धर ले जाए परिवार वाले तेरे,
यमदूत ले पकड़ कर डोलेंगे धीरे घेरे घेरे,
पीटेगा छाती अपनी, कुनबा उदास होगा,
दो गज़ कफ़न का टुकड़ा तेरा लिबास होगा - २

चुन चुन के लकड़ियों में रख दे तेरे बदन को,
आकर झट उठा ले महकर तेरे कफ़न को,
दे देगा आग तुझमे, बेटा जो खास होगा,
दो गज़ कफ़न का टुकड़ा तेरा लिबास होगा - २

मिटटी में मिले मिटटी बाकी खाक होगी,
सोने सी तेरी काया जल कर के राख होगी,
दुनिया को त्याग तेरा, मरघट में वास होगा,
दो गज़ कफ़न का टुकड़ा तेरा लिबास होगा - २

प्रभु का नाम जपते भव सिंधु पार होते,
माया मोह में फस कर जीवन अमूल्य खोते,
हरी का नाम जपले, बेडा जो पार होगा,
दो गज़ कफ़न का टुकड़ा तेरा लिबास होगा - २

जायेगा जब यहां से कुछ भी न पास होगा...

Comments